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Anand Kumar wrote a new post, सुधारों की कोई बात होगी क्या? 5 days, 16 hours ago
नार्थ कैरोलिना की एक छात्रा जेनिफ़र थोमसन के साथ 1984 में छुरे की नोक पर बलात्कार हुआ था। गिरफ्तारियां हुई और कतार में खड़ा करके संदिग्धों की पहचान करवाई गई। रोनाल्ड कॉटन नाम का अपराधी पहचाना गया और उसपर मुकदमा चला […]
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Anand Kumar wrote a new post, बहराइच की जंग (13 जून 1033 AD) 2 weeks, 1 day ago
सोमनाथ पर महमूद गजनवी के हमले के बारे में शायद सब जानते हैं। 1026 AD में हुए इस हमले में महमूद गजनवी के साथ जो लोग आये थे उनमे उसका 11 साल का भतीजा सलार महमूद भी था। गज़नवी जब लूट के माल के साथ लौटा तो उसक […]
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Anand Kumar wrote a new post, आखिर कब तक? 2 weeks, 4 days ago
चलिए एक अजीब सा सवाल पूछ लें आपसे। अब बेइज़्ज़ती, दुर्व्यवहार, गाली-गलौच, शारीरिक प्रताड़ना, मार पीट, जान से मारने की धमकी, बेरोजगारी, आर्थिक तंगी कितने समय झेल सकते हैं ? दो चार मिनट ? घंटे-दो घंटे भर ? दो च […]
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Anand Kumar wrote a new post, डाटा-संचालित फैसले और आप 2 weeks, 6 days ago
क्रिस्टोफ़र कोलंबस का मानना था कि दुनियां गोल है। लेकिन वो ज़माना बाइबिल का था और सभी धार्मिक विद्वान मानते थे कि धरती चपटी है। इसलिए अगर समंदर के रास्ते कोलंबस अपना जहाज लेकर भारत ढूँढने निकलता तो वो किनारे प […]
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Anand Kumar wrote a new post, प्रकृति और धर्म: देवी शाकम्भरी 3 weeks, 3 days ago
सनातनी हिन्दुओं में “शैतान” जैसी कपोलकल्पना के लिए कोई स्थान नहीं। पाप की पराकाष्ठा भी आपको ईश्वर के पास पहुंचा देगी। जैसे देवी के नामों को देखेंगे तो जिस राक्षस के वध के लिए उन्हें जाना जाता है, […]
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Anand Kumar wrote a new post, If You Give a Mouse a Cookie 1 month ago
बच्चों के लिए भारत में ना के बराबर ही लिखा जाता है। बाकी कि हिंदी किताबों जितनी प्रतियाँ बिकें और वो बेस्टसेलर हो जाए, या कम से कम चर्चित ही रही हों, ऐसी किताबें ना के बराबर लिखी जाती हैं, और छपती तो शायद […]
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Anand Kumar wrote a new post, क्राउड-सौर्सिंग कैसे काम करता है? 1 month, 1 week ago
चीज़ों को समझने के लिए उदाहरण लेना एक आसान काम है लेकिन पहले एक काम चलाने लायक परिभाषा भी होनी चाहिए। आखिर जिस क्राउड-सौर्सिंग (Crowd Sourcing) कि हम बात कर रहे हैं वो क्या है या कैसे काम करेगा। अंग्र […]
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Anand Kumar wrote a new post, हमारी नायिकाएं फिर से चाहिए 1 month, 1 week ago
पुरानी बात है, कई साल पहले, जी हाँ 1963 के सितम्बर महीने की सातवीं तारिख थी जब एक ब्राह्मण परिवार में नीरजा का जन्म हुआ। चंडीगढ़ के ही स्कूल में पढाई की इस लड़की ने और वहीँ के कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन […]
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Anand Kumar wrote a new post, हिमालय पर फतह 1 month, 1 week ago
श्री कृष्ण पाल सिंह मामूली से सीमावर्ती व्यापारी थे जो भारत और तिब्बत की सीमाओं के बीच माल लाने, ले जाने का काम करके परिवार चलाते थे। उनकी पत्नी हंसा देवी से उनकी सात संताने थी। इन्हीं बच्चों में से एक 24 मई 1 […]
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Anand Kumar wrote a new post, पहली डॉक्टर 1 month, 1 week ago
आप अपने किस्से खुद नहीं सुनायेंगे तो क्या होगा ? कोई और भला आपकी कहानी सुनाने क्यों आने लगा ? बिहार के साथ भी कुछ ऐसा ही है, लोग अपनी बड़ाई खुद करने से हिचकते हैं। फिर कुछ वजह ये भी रही कि जैसे जैसे श […]
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Anand Kumar wrote a new post, कॉमरेड का फोटोशॉप इतिहास 1 month, 1 week ago
वो जो प्रेरणा देने वाले किस्से इधर उधर से, कभी व्हाट्स एप्प तो कभी ईमेल में फॉरवर्ड होकर आते रहते हैं उन्हीं में से एक किस्सा था लोहे और सोने का। कुछ महीने पहले पढ़ा था। इसमें किसी तरह से एक सुन […]
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Anand Kumar wrote a new post, लाल पान की बेग़म 1 month, 2 weeks ago
जैसे शास्त्रीय संगीत में थाट, राग वगैरह होते हैं वैसे ही हिंदी साहित्य में भी कई वाद वगैरह होते हैं। हमें एक “छायावाद” का नाम तो पता है, लेकिन इसके अलावा कौन से होते हैं वो नहीं मालूम। बल्कि छायावाद क्या होता […]
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Anand Kumar wrote a new post, यलगार: जो हुई ही नहीं! 1 month, 2 weeks ago
हाथों में पिचकारी लिए होली खेलते बच्चे उन्हें आतंकवादी लगते हैं और पेट पर बम बांधे स्वचालित हथियारों से लैस जेहादी मासूम भटके हुए नौजवान! लेकिन खबरदार जो किसी ने उनकी इस अजीब से सोच पर सवाल उठाये। फ़ौर […]
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Anand Kumar wrote a new post, शेर शिवराज हैं! 1 month, 3 weeks ago
तेज तमअंस पर
कान्ह जिमि कंस पर
त्यों म्लेच्छ बंस पर
शेर शिवराज हैं!
सिर्फ इतिहास के तौर पर देखें तो शिवाजी एक व्यक्ति दिखाई देंगे। उन्होंने किया क्या देखने पर पता चलता है कि शिवाजी व्यक्ति न […]
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Anand Kumar wrote a new post, सोशल मीडिया : रणनीति की जरूरत 2 months ago
सोशल मीडिया 2014 के बाद के दौर में संदेशों के प्रचार-प्रसार के सबसे सशक्त माध्यम के तौर पर उभर आया है। अन्ना आन्दोलन में इसकी भूमिका हो, निर्भया आन्दोलन के जरिये बलात्कार कानून बदलवाने में, उसके थोड़े ही बाद के […]
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Anand Kumar wrote a new post, आप इतिहास सुधार के दौर में हैं ! 2 months ago
छोटे कस्बों में बड़े होने और बड़े शहरों में पले-बढ़े होने में छोटे मोटे अंतर होते हैं। जैसे कोई महंगा, ब्रांडेड बैग हम लोगों को पता ही नहीं था ! पता नहीं होता तो शौक कैसे होता खूबसूरत से बैग का ? कॉलेज-इंट […]
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Anand Kumar wrote a new post, आपका इतिहास फिल्मों के जरिये 2 months, 1 week ago
टीवी की आवाज कुछ रोज़ पहले कमरे तक आई तो दो लोगों के बात करने की आवाजें थी। किसी सीरियल में एक व्यक्ति दुसरे से पूछ रहा था कि क्या करें खानेखाना? क्या नए निज़ाम को कबूलें या जमीर की सुनें? इतना सुनना काफ […]
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Anand Kumar wrote a new post, रानी वेलु नचियार और आत्मघाती हमले 2 months, 1 week ago
वेलु नचियार रामनद राज्य की राजधानी रामनाथपुरम से शासन करने वाले राजा चेल्लामुथु सेथुपरी और रानी सकंधीमुथल की इकलौती बेटी थी। वलारी और सिलंबम जैसी युद्ध कलाओं के अलावा वो अंग्रेजी फ्रेंच, उर्दू जैसी कई भाषाएँ भी जा […]
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Anand Kumar wrote a new post, प्रत्यक्षं प्राह चण्डिका 2 months, 2 weeks ago
महर्षि मार्कण्डेय सप्तशती स्तोत्र के पांचवे अध्याय की शुरुआत में कहते हैं :-
पुरा शुम्भनिशुम्भाभ्यामसुराभ्यां शचीपतेः |
त्रैलोक्यं यज्ञभागाश्र्च हृता मदबलाश्र्यात् ||
इस श्लोक में मुनि कहते हैं […] -
Anand Kumar wrote a new post, शिकार का सबसे बड़ा कसूर तो उसका मेमना होना है! 2 months, 2 weeks ago
अगर वो बाघ बहादुर से कहेगा कि पानी तो उसकी तरफ से बहकर बकरे की तरफ आ रहा है तो कहा जाएगा कि तूने आज नहीं किया तो क्या ? बीते कल में तेरे बाप ने किया होगा! फिर शिकारी झपट्टा मारकर एक निरीह प्राणी को चबा जाएग […]
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ये जो रंग है आपका..
वो फरिश्तों की भूल से..
वो तिल बना रहे थे..
स्याही फ़िसल गई..
जी हां, चारण-भाट आन पर जान देने वाले होते थे। उनका बड़ा सम्मान था और उनका शब्द ही प्रमाण। बरसों बरस रविश कुमारों, देवदत्त पटनायकों को झेलती निर्विकल्प जाति में चिनगारी दिखने तो लगी है। यह चिनगारीअब बुझने वाली नहीं, वरन् भीषण ज्वाला बनेगी।
Hindi padhnewalo ke liye samridh sahitay
ये हिंदी में है क़ि इंग्लिश में?
किताब हिंदी में है … काफी कम प्रतियाँ निकलती हैं इसलिए ख़त्म जल्दी जल्दी हो जाती हैं बस ये समस्या है बस…
नेतृत्व किसलिये चाहिये होता है?
नेता न हाथ से काम करता है, न मोर्चे पर लड़ता है।
नेता वही, जो प्रेरित कर दे, पस्त फौज में प्राण फूंक दे।
हनुमान क्या लंका जला सकते थे?
“का चुप साधि रहा बलवाना” की ललकार यदि न सुनी होती?
(कृपया स्टॉलिनगार्ड को स्टॉलिनग्राड कर लें)
पहले स्टॅलिन में आ की मात्रा भी नहीं ले रहा था ट्रांसलिटरेट … अब आपके कमेंट से कॉपी कर के सुधारा…
बेहतरीन …अप्रतिम
best forever
एक ही शब्द ज़ेहन में उभरता है . अद्भुत ! आप के पैशन को सलाम गिताली जी ___/\___
GEETALIji,
YOUR BLOG POST if any PLEASE ?
REGARDS,
RPS Gautam
Facebook : Rps Gautam9
She doesn’t post blogs, her facebook profile link is at the bottom of the page…
आनंद भाई हमेशा की तरह पड़ताल करती धागा धागा खोलती पोस्ट । धन्यवाद
अलेक्जेंडर सोल्जीनितशिन का ‘गुलाग द्वीपसमूह, उससे ज्यादा अच्छे तरीके से लिखी गई है। नोबुल प्राइज भी दिया गया गया था।
धन्यावाद, अच्छी पोस्ट, अच्छे विचारों के साथ।
आनंदम परम आनंद प्रफुल्लित
कृपया लेख का आशय प्रत्यक्ष प्रकट करें।परोक्ष शैली से अर्थ कई रूपों में प्रकट होता है।इससे मुझसे कम मति युक्त भी समझ पाएंगे।
भस्मासुर कई बार खुद के ही पैदा किये हुए होते हैं | राजनैतिक अर्थों में देखें तभी भस्मासुर की पौराणिक कहानी समझ में आती है | वो जो चीज़ भस्मासुर के प्रतीक के जरिये समझा रहे होते थे उसे आज भी दोहराया जाता है | कई जगह जो नेता राजनैतिक बढ़त को 25 साल पीछे धकेल गए, वो किसी और के नहीं खुद के बनाए हुए ही थे |
गजब निपटाया…बहुत शानदार लेख
Anand Ji, the downloaded word doc can not be read properly at my end due to font issues.
My humble suggestion:
Is it possible for you to first convert the file into pdf and then attach.
This will have following advantages:
1.The format will easily be accessible on mobile/tablets/PC as well as it can be shared easily via whatsapp and emails.
2. As pdf will be read-only be default., it won’t be easily editable.
i have tried using free software to convert to documents to pdf format. Somehow i’ve been unable to find something which works seamlessly as of now. But i’m looking into available options and i’ll try to convert to better formats soon…
Very Good work sir
Gajab ki jankari sir
Sir hm y kuo ni mane ki aapne b hindu vichadhara se prerit hokr asa likha h
जरूर मान सकते हैं, बस मान लेने में समस्या ये है कि ये जो लिखा हुआ है, वो विचार या मंतव्य नहीं जो किसी विचारधारा से प्रेरित होकर लिखा जा सके | ये शुद्ध तथ्य हैं, कौन सा सन्दर्भ कहाँ से लिया गया है वो नंबर और फुटनोट के जरिये दर्शाया गया है |
बढ़िया जानकारी वाला लेख
सिकुलर ढोंगियों की पोल खोलता लेख
Bahut khoob
Bikul satik khani shrimaan
Bahut badiya aur Roachak lekh Hai aapka….. always eagerly waiting for your article
हम सब comfort zone में आ गये हैं और यहाँ से कुछ दिखता नहीं है .
शानदार, अद्भुत !
नतमस्तक 🙏
badhiya likha hai sir…