हिंदी में हम जिसे रक्तपिपासु, या खून का प्यासा कहते हैं, उसके लिए अंग्रेजी में ड्रेकुला कहना बिलकुल चल जाएगा। ड्रेकुला, एक साहित्यकार ब्रेम स्टोकर (Bram Stoker) की परिकल्पना थी जिसे उसने एक सचमुच के राजा के राज्य और नाम के आधार पर तैयार किया था। फिल्मों में ड्रेकुला खासे प्रसिद्ध हैं, कई नामी गिरामी फिल्म निर्माताओं और कलाकारों ने इस पिशाच पर फ़िल्में बनाई हैं। इस सारी प्रक्रिया में जो गायब हो गया, वो था असली काउंट व्लाद टेपेस (Vlad Tepes) जिसके राज्य ट्रांसिल्वेनिया पर ये कहानी लिखी गई थी।
ट्रांसिल्वानिया आज एक छोटा सा रोमानिया का इलाका है जहाँ सिघिसोअरा के किले में 1431 में एक लड़के का जन्म हुआ। ये ट्रांसिल्वानिया के गवर्नर व्लाद डाकुल का बेटा था। काउंट डाकुल आर्डर ऑफ़ ट्यूटनिक नाइट्स के सदस्य थे। इस दल ट्यूटनिक नाइट्स का गठन इसाई हितों की रक्षा के लिए हुआ था। अरब हमलों से लगातार हारते रोमानिया के इसाई समुदाय की रक्षा के लिए इसका गठन हुआ था। ऑट्टोमन साम्राज्य के खिलाफ जंगों में व्लाद डाकुल ने काफी बहादुरी दिखाई थी। सन 1437 की शुरुआत में जब वो प्रिंस बने तो उनके दो बेटों को अरब लोगों ने बंधक रखा ताकि वो क्रूसेड में मुहम्मडेन समुदाय के खिलाफ ईसाईयों की मदद ना करें।
